राजस्थान के शिमला के रूप में पहचाने जाने वाले सिरोही जिले का हिल स्टेशन माउंट आबू पर्यटकों को हमेशा आकर्षित करता है. यहां गर्मी के दिनों में भी तापमान यहां की हसीन वादियों के कारण अन्य शहरों के मुकाबले कम रहता है. अगर आप भी माउंट आबू घूमने की सोच रहे हैं तो यहां के प्रसिद्ध इन टूरिस्ट पॉइंट्स के बारे में जान लें.
नक्की झील : माउंट आबू की प्रसिद्ध नक्की झील प्रदेश में सबसे ऊंचे स्थान पर बनी मीठे पानी की झील है. यहां पर्यटक शिकारा बोट में नौकायन का आनन्द ले सकते हैं. किवंदंतियों के अनुसार रसिया बालम ने अपने नाखून से इस झील को एक रात में खोद दिया था, इसलिए इसका नाम नक्की झील हो गया.
माउंट आबू के नक्की झील परिक्रमा पथ से करीब 250 सीढियां चढ़कर आप टॉड रॉक पहुंच सकते हैं.ये जगह ऊंचाई पर होने से यहना से माउंट आबू शहर, नक्की झील व आसपास की वादियों का नजारा साफ दिखाई देता है. पहाड़ी की मेंढक जैसी आकृति की वजह से इसका नाम टॉड रॉक हो गया.
राजस्थान के रेगिस्तानों के बीच मौजूद है शिमला जैसा हिल स्टेशन
देश के 51 शक्तिपीठों में से एक मां अर्बुदा देवी के दर्शन करने देशभर से भक्त यहां आते हैं. मान्यताओं के अनुसार मां सती के शरीर के 51 टुकड़े जिस स्थान पर गिरे वहां आज शक्तिपीठ स्थापित है. यहां मां अधर (होंठ) गिरे थे, इस वजह से मंदिर का नाम अधर देवी हो गया. यहां मां कात्यायनी के गुप्त स्वरूप की पूजा होती है.
देश के 51 शक्तिपीठों में से एक मां अर्बुदा देवी के दर्शन करने देशभर से भक्त यहां आते हैं. मान्यताओं के अनुसार मां सती के शरीर के 51 टुकड़े जिस स्थान पर गिरे वहां आज शक्तिपीठ स्थापित है. यहां मां अधर (होंठ) गिरे थे, इस वजह से मंदिर का नाम अधर देवी हो गया. यहां मां कात्यायनी के गुप्त स्वरूप की पूजा होती है.
माउंट आबू से करीब 11 किलोमीटर दूर अचगढ़ के किले का निर्माण 1452 में महाराणा कुम्भा ने करवाया था. किले के पास ही अचलेश्वर महादेव मंदिर है. जहां भगवान शिव के अंगूठे की पूजा होती है. मन्दिर में एक नंदी की प्रतिमा भी है, जो पंचधातु से बनी है.
माउंट आबू में अगर आप सूर्यास्त के मनमोहक नजारें का आनंद लेना चाहते हैं, तो सनसेट पॉइन्ट आपके लिए बिल्कुल परफेक्ट जगह है. नक्की झील से करीब 2 किलोमीटर दूर स्थित सनसेट पॉइंट पर आप डूबते हुए सूर्य को देख सकते हैं. यह पिकनिक पॉइंट के रूप में भी अच्छी जगह है. यहां जाने के लिए आपको वन विभाग से अनुमति लेनी होती है. जिसके लिए टिकट राशि विभाग ने निर्धारित की हुई है राजस्थान